पूजा के आने से पेहले ही आप check कर ले और जो जो समान नही है उसे order कर ले या बजार से ले आए । नीचे दी गयी सूची मे सारे सामान है ।
- भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की नई मूर्ति (मूर्तियाँ न मिले तो फोटो या पोस्टर भी लगा सकते हैं )
- बही-खाता
- नारियल / श्रीफल
- केले के पत्ते पूजा के लिये , आम के पत्ते तोरण के लिये और कलश के लिये, पान के पत्ते
- देवी लक्ष्मी के लिए एक लाल रेशमी कपड़ा, एक पीला कपड़ा और कलम के साथ स्याही
- आसनि – भगवान के आसन (बैठने) के लिए एक लाल कपड़ा ,
- मूर्ति रखने के लिए लकड़ी का स्टूल / अगर चोकी होतो तो बहुत अच्छा रहेगा
- पाँच बड़े मिट्टी के दीपक (दीपक)
- छोटा मिट्टी का दीपक (कम से कम 25)
- लक्ष्मी जी के लिये लाल कमल का फूल और गणेश जी के लिये सफेद कमल का फूल
- फूल और ताजे फूलों से बनी कम से कम तीन माला
- बिल्व-पत्ते और तुलसी-पत्ते
- सैगी / सबुत सुपारी
- नव ग्रह के लिये अनाज
- नैवेद्य – मिठाई, फल, गन्ना, खील-बताशे
- मीठा पान (कम से कम 3)
- अनार या बिल्व शाखा से बना एक कलम / डंडी
- दूब () – दुर्वा घास
- पंच पल्लव (हवन के लिये) – निम्नलिखित पांच पेड़ों की टहनियाँ:
- आम
- पलाश
- बरगद
- पीपल
- बकुल ()
- सर्वौषधि () दस निम्न जड़ी-बूटियाँ
- मुरा ()
- जटामासी ()
- बाख ()
- कुष्ठ ()
- शैलेय ()
- हरदी ()
- दारु-हरदी (-)
- सोंथुनी ()
- चंपक ()
- मस्ता ()
- सप्त-मृतिका (-) – 7 स्थानों से एकत्र मिट्टी
- घुड़शाल
- हाथी का शाल
- गाय कि गौशाल
- चींटी का ढेर
- नदी का संगम
- समतल नीचा भूमि
- शाही महल
- अगरबत्ती और घंटी
- शंख
- दक्षिणा / पैसे
- हल्दी, कुंकुम, चावल, सुपारी, जनेऊ, प्रसाद
- भोग
- फूल
- पंचामृत – (दूध, दही, शहद, घी व शुद्ध जल का मिश्रण)
- पाँच मेवों- गरी (नारियल), चिरौंजी, बादाम, छुहारा और किशमिश का मिश्रण।
- धूप दानी (अगरबत्ती), दीपक (मिट्टी के दीपक) और काजलोटा (काजल बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी के बर्तन) से बनी चीजें
- वैक्स लैंप
- पूजा थाली
- कच्चा दूध
- कपूर
- मीठा
- कलेवा
- कमल का फूल
- घी या तेल
- रुई की बत्ती
- पानी के साथ एक कलश
- अक्षत/ चावल का उपयोग अनुपलब्ध वस्तु के स्थान पर एक उपाय के रूप में किया जा सकता है यदि कोइ वस्तु उपलब्ध नहीं हैं।